✦ डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन और शिक्षक दिवस ✦
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का परिचय
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जन्म: 5 सितम्बर 1888, तिरुत्तनी (आंध्र प्रदेश)
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मृत्यु: 17 अप्रैल 1975, चेन्नई
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वे भारत के महान दार्शनिक, शिक्षक और राजनीतिज्ञ थे।
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स्वतंत्र भारत के दूसरे राष्ट्रपति (1962-1967) बने।
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उन्हें 1954 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
शिक्षा और योगदान
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उन्होंने दर्शनशास्त्र (Philosophy) में स्नातक व स्नातकोत्तर किया।
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भारतीय संस्कृति और दर्शन को पश्चिमी देशों तक पहुँचाया।
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Indian Philosophy, The Hindu View of Life, The Philosophy of Rabindranath Tagore जैसी पुस्तकें लिखीं।
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उन्होंने कहा था: “सच्चा शिक्षक वह है, जो अपने छात्रों को विचारों की ऊँचाइयों तक ले जाए।”
शिक्षक दिवस का महत्व
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जब वे राष्ट्रपति बने, उनके छात्रों और दोस्तों ने उनका जन्मदिन मनाने की इच्छा जताई।
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उन्होंने कहा:
“यदि आप मेरा जन्मदिन मनाना चाहते हैं तो इसे शिक्षक दिवस के रूप में मनाइए।” -
तभी से भारत में हर वर्ष 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
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यह दिन हमें शिक्षकों के महत्व और उनके मार्गदर्शन को सम्मानित करने का अवसर देता है।
निष्कर्ष
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डॉ. राधाकृष्णन ने शिक्षा को राष्ट्र निर्माण का सबसे बड़ा साधन बताया।
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शिक्षक दिवस केवल उनका जन्मदिन ही नहीं है, बल्कि यह हर शिक्षक के योगदान को नमन करने का दिन है।
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