दीपावली भारत का सबसे प्रमुख और पवित्र त्योहार है, जिसे प्रकाश पर्व भी कहा जाता है। यह अंधकार पर प्रकाश, असत्य पर सत्य, और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है।
🌼 दीपावली का महत्व:
दीपावली भगवान श्रीराम के 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में मनाई जाती है। जब श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण अयोध्या लौटे, तो लोगों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया। इसी कारण यह पर्व “दीपावली” यानी “दीपों की पंक्ति” कहलाता है।
रामायण
प्राचीन हिंदू ग्रंथ रामायण में बताया गया है कि लोग दीपावली को 14 साल के वनवास के पश्चात भगवान राम बा पत्नी सीता और उनके भाई लक्ष्मण की वापसी के सम्मान के रूप में मनाते हैं
महाभारत
प्राचीन हिंदू महाकाव्य महाभारत के अनुसार कुछ लोग दीपावली को 12 वर्षों के वनवास का 1 वर्ष का अज्ञातवास के बाद पांडवों की वापसी के प्रति के रूप में मानते हैं I
लक्ष्मी
एक पौराणिक कथा के अनुसार विष्णु ने नरसिंह रूप का धारण करके हिरण कश्यप का वध किया था तथा इसी दिन समुद्र मंथन के पश्चात लक्ष्मी व धनवंतरी प्रकट हुए कई लोग दीपावली को भगवान विष्णु की पत्नी तथा उत्सव धन व समृद्धि के देवी लक्ष्मी से जुड़ा मांगते हैं दीपावली का पांच दिवसीय महोत्सव देवताओं और राक्षसों द्वारा अलौकिक सागर के मंथन से पैदा हुई लक्ष्मी के जन्म के दिवस के रूप में मनाते हैं दीपावली की रात वह दिन है जब लक्ष्मी ने अपने पति के रूप में भगवान विष्णु को चुना और फिर उनसे शादी की I
भारत के पूर्वी क्षेत्र उड़ीसा में तथा पश्चिम बंगाल में हिंदू लक्ष्मी माता की जगहकी जगह काली मां की पूजा करते हैं I
जैन
जैन धर्म के अनुसार 24 में तीर्थंकर महावीर स्वामी को इस दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई थी और इसी दिन उनके प्रथम सिस्टर गौतम गंधार को केवल ज्ञान प्राप्त हुआ था
जैन समाज द्वारा दीपावली महावीर स्वामी के निर्माण दिवस के रूप में मनाई जाती है महावीर स्वामी वर्तमान अवसर निकाल के अंतिम तीर्थंकर को इसी दिन कार्तिक अमावस्या को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी इसी दिन संध्या काल में उनके प्रथम से गौतम गंधार को केवल ज्ञान की प्राप्ति हुई थी यथाएं अन्य संप्रदायों से जैन दीपावली की पूजा विधि पूर्णता बिन है
सिख
सिखों के लिए दीपावली महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन ही अमृतसर में 1577 में स्वर्ण मंदिर का शिलान्यास हुआ था और इनके अलावा 1619 में दीपावली के दिन सिखों के छठे गुरु हरगोबिंद सिंह जी को जेल से रिहा किया गया था
🪔 कब मनाई जाती है:दीपावली (Deepawali) 🌟
यह पर्व कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है, जो प्रायः अक्टूबर या नवंबर महीने में पड़ती है।इस पर दीपावली 21 अक्टूबर , दिन सोमवार को 2025 को मनाई जाएगी I
🙏 पूजा का महत्व:
इस दिन माँ लक्ष्मी, भगवान गणेश, और कई स्थानों पर श्रीराम, सीता, लक्ष्मण, और हनुमान जी की पूजा की जाती है।
माँ लक्ष्मी — धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी हैं।
भगवान गणेश — विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता हैं।
लक्ष्मी के साथ-साथ भक्ति बढ़ाओ को दूर करने के प्रति गणेश संगीत साहित्य की प्रतीक सरस्वती और धन प्रबंधन कुबेर को प्रसाद अर्पित करते हैं कुछ देव दीपावली को विष्णु के बैकुंठ में वापसी के दिन के रूप में मनाते हैं मान्यता है कि इस दिन लक्ष्मी प्रसन्न रहती हैं और जो लोग उसे दिन उनकी पूजा करते हैं वह आगे के वर्ष के दौरान मानसिक व शारीरिक दुखों से दूर हो सुखी रहते हैं
🎆 कैसे मनाया जाता है:
घरों की सफाई और सजावट की जाती है।
दीपक, मोमबत्तियाँ और लाइटें जलाई जाती हैं।
लोग नए कपड़े पहनते हैं।
पूजा के बाद मिठाइयाँ बाँटी जाती हैं और आतिशबाज़ी की जाती है।
लोग एक-दूसरे को शुभकामनाएँ देते हैं।
🌙 दीपावली से जुड़े अन्य पर्व:
1. धनतेरस – इस दिन सोना, चाँदी या बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है।
2. नरक चतुर्दशी (छोटी दीपावली) – भगवान कृष्ण द्वारा नरकासुर राक्षस के वध का उत्सव।
3. दीपावली (मुख्य दिन) – लक्ष्मी-गणेश पूजा।
4. गोवर्धन पूजा – श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की याद में।
5. भाई दूज – भाई-बहन के स्नेह का पर्व।





